राष्ट्रपति जी के अभिभाषण में "इकबाल, ईमान, इन्साफ" की मोदी सरकार के समावेशी, सर्वस्पर्शी विकास और विश्वास पर अपनी बात कहना है।
इकबाल की बात कर रहा हूँ। सरकार के इक़बाल की धमक बेईमानों, बिचौलियों, घोटालों के गुरुघंटालों में साफ़ दिख रहा है। आतंकवादियों और उनके आकाओं के हौसले पस्त हैं, भारत का इकबाल पूरी दुनिया में बढ़ा है। आतंकवाद-नक्सलवाद की कमर तोड़ी है। दिल्ली के सत्ता के गलियारे से सत्ता के दलालों की नाकेबंदी, लूट लॉबी में तालाबंदी हुई है। मल्टी नेशनल लाइजनिंग ऑफिस बंद हुए। पहले दस सालों सरकार थी, वह इकबाल से कोसों दूर थी। आज देश मजबूत PM के हाथों हैं- मजबूर सरकार के हाथों नहीं जहाँ हाथ की सफाई- जन धन की लुटाई आम बात थी। जब अध्यादेश----- नॉनसेंस -न्यूसेंस कह कर फाड़ दिए जाते थे। सामानांतर "सुपर प्रधानमंत्री" कार्यालय होता था। घोटालों के गुरुघंटालों का बोल बाला होता था।
370 खत्म कर जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को इंसाफ दिया। तीन तलाक प्रथा खत्म कर मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिया। गांव, गरीब, किसान, खेत-खलिहान, महिला, नौजवान, झुग्गी-झोपडी के इंसान को इंसाफ दिया। 6 लाख गांवों में बिजली पहुंचाकर गरीबों-गांवों को इंसाफ दिया। 6 लाख गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया गया है। ग्रामीण इलाकों में पिछले 5 वर्षों में 1 लाख 72 हजार किलोमीटर से ज्यादा सड़कों का निर्माण हुआ है। विभिन्न सुरक्षा बीमा योजनाओं का लाभ 24 करोड़ जरूरतमंदों को दिया गया है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश भर में लगभग 11 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है।
पारदर्शी शासन व्यवस्था दी है। वन नेशन-वन टैक्स GST के जरिये पहली बार देश का आर्थिक एकीकरण हुआ। काले धन पर लगाम लगाने के लिए SIT के जरिये बड़ी-कड़ी कार्यवाही हुई। लगभग 15 सौ गैर जरुरी कानूनों को खत्म किया गया। आर्थिक अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून बनाया। इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कानून को मजबूत किया। ज्यादातर केंद्र सरकार की योजनाओं को डिजिटल- DBT कर बिचौलियों की भूमिका खत्म की गई।