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श्री मुख़्तार अब्बास नक़वी

पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, भारत सरकार

आग़ाज़:

15 अक्टूबर 1957 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) के गांव भदारी में एक सामान्य परिवार में जन्में श्री मुख्तार अब्बास नक़वी, कम उम्र से ही सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे। आपातकाल (1975) में "लोकनायक" जयप्रकाश नारायण के "संपूर्ण क्रांति" आंदोलन में सक्रिय रहे और मात्र 17 वर्ष की उम्र में "मीसा-डी.आई.आर" में जेल में नजरबन्द किये गए। सामाजिक, लोकतांत्रिक एवं जन सरोकार को लेकर विभिन्न आंदोलनों-कार्यक्रमों का नेतृत्व एवं हिस्सेदारी की जिसके चलते कई बार गिरफ्तार हुए और जेल गए।

मंत्री के रूप में प्रमुख काम:

• “डायरेक्ट टू होम” प्रसारण व्यवस्था (DTH); भारतीय फिल्म क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देना; सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई फ्रीक्वेंसी ट्रांसमिशन टावर्स का जाल बिछा कर दूरदर्शन प्रसारण की पहुँच दूर दराज सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुँचाना श्री नकवी की सूचना प्रसारण राज्यमंत्री के रूप में प्रमुख उपलब्धियां हैं।

• सरल, मिलनसार स्वभाव के धनी श्री नक़वी ने संसदीय कार्य राज्यमंत्री के रूप में राज्यसभा में सरकार के अल्पमत में होने के बावजूद विपक्ष के साथ संपर्क-संवाद-समन्वय बना कर महत्वपूर्ण विधाई कार्यों को कराने में सफलता हासिल की।

• अल्पसंख्यक मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री रहते हुए श्री नक़वी द्वारा “समावेशी सुधार एवं सर्वस्पर्शी समृद्धि” के संकल्प के साथ किये गए कार्यों में शामिल हैं- भारत का 100 प्रतिशत डिजिटल हज यात्रा वाला पहला देश बनना; हज सब्सिडी के “सियासी छल” का खात्मा; सब्सिडी के बिना भी कम खर्चे पर रिकॉर्ड 2 लाख भारतीय मुसलमानों का हज पर जाना; मुस्लिम महिलाओं के “मेहरम” (पुरुष रिश्तेदार) के साथ ही हज यात्रा पर जाने की बाध्यता का खात्मा; वक्फ सम्पत्तियों के दस्तावेजों का 100 प्रतिशत डिजिटाइजेशन; 5 करोड़ से ज्यादा अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को विभिन्न स्कॉलरशिप्स उपलब्ध कराई, जिससे लड़कियों का स्कूल ड्रापआउट रेट बड़े पैमाने पर घटा और प्रवेश दर में बढ़ोतरी हुई। "प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम" के तहत देश भर में पिछड़े क्षेत्रों में युद्धस्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार आदि की ढांचागत सुविधाओं एवं विकास परियोजनाओं का निर्माण कराया।

• दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों की स्वदेशी शक्ति के "संरक्षण, संवर्धन, सशक्तिकरण" के लिए "हुनर हाट" जैसा प्रामाणिक-प्रभावी प्लेटफार्म श्री नक़वी की "स्वदेशी से स्वावलम्बन" की सोंच का नतीजा रहा। उनके कार्यकाल के दौरान "कौशल कुबेरों के कुम्भ" "हुनर हाट" ने समाज के सभी वर्गों के लगभग 10 लाख 50 हजार दस्तकारों, शिल्पकारों, कलाकारों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराये। इनमें 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं शामिल हैं।

• राजनीतिक-सामाजिक जीवन में सुचिता, सादगी की मिसाल श्री नकवी ने राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले ही 6 जुलाई, 2022 को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया एवं दूसरे दिन ही सरकारी आवास खाली कर राजनीतिक क्षेत्र में एक और आदर्श उदाहरण पेश किया।

साहित्य:

• स्नातक एवं मास कम्युनिकेशन में पोस्ट-ग्रेजुएट श्री नक़वी साहित्य एवं लेखन से हमेशा जुड़े रहे हैं। उनकी "बलवा", "राजलीला", "साइबर सुपारी", "दंगा'', ''वैशाली'', ''स्याह'' जैसी प्रभावशाली पुस्तकें/रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुई हैं।

प्रेरणा:

राजनीतिक-सामाजिक क्षेत्र में "राष्ट्रपिता" महात्मा गाँधी, डा. राम मनोहर लोहिया, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, "लोकनायक" जयप्रकाश नारायण, सरदार पटेल, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी, श्री लाल कृष्ण आडवाणी, श्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित एवं प्रेरित श्री नकवी का सिद्धांत है कि, "सीखना कभी बंद नहीं होना चाहिए, क्योंकि जीवन का हर अध्याय एक सबक है।“

संगठन-संसद-सरकार

• पूर्व कैबिनेट मंत्री, भारत सरकार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय; संसदीय कार्य (राज्यमंत्री), 2014-2022

• उपनेता, राज्यसभा, 2021-2022

• राज्यमंत्री, सूचना-प्रसारण एवं संसदीय कार्य मंत्रालय, 1998-2000

• 1998 में रामपुर (उ०प्र०) से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए

• 2002 (उत्तर प्रदेश); 2008 (उत्तर प्रदेश); 2016 (झारखण्ड) से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए

• रक्षा, विदेश, वित्त, गृह, सूचना प्रौद्योगिकी, प्रिविलेज जैसी महत्वपूर्ण संसदीय समितियों के चेयरमैन/सदस्य की जिम्मेदारी निभाई है।

• राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय जनता पार्टी, 2002-2005

• राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, 2005-2014

• राष्ट्रीय मंत्री, भारतीय जनता पार्टी, 2000-2002