"पी डब्ल्यू डी" (पुअर, विमेन, डाउनट्रॉडेन) सशक्तिकरण के संकल्प से "कम्युनल, कास्टिस्ट, करप्शन के कंसोर्टियम" को ध्वस्त कर "एम्पावरमेंट इंजीनियर" बन गए हैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी। सरकारी व्यवस्था को "लकवाग्रस्त नीतियों की बीमारी" और "करप्शन-कुशासन के कुँए" से बाहर निकालने वाले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, "सुशासन का इंस्टीट्यूशन", "समावेशी विकास का मिशन" हैं।
2014 से ही चली आ रही "मोदी बैशिंग ब्रिगेड" की राजनीतिक असहिष्णुता और "मोदी फोबिया" की सनक को परास्त करते हुए, श्री नरेंद्र मोदी ने कड़े परिश्रम एवं तपस्या से सुशासन एवं समावेशी सशक्तिकरण के मिशन को अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणिकता दी है। विकास के मसौदे को वोट के सौदे के सियासी चक्रव्यूह से मुक्त कर सर्वस्पर्शी विकास को सुशासन की संस्कृति बनाया है। श्री मोदी ने "सुशासन के इंस्टीट्यूशन और समावेशी विकास के मिशन" के रास्ते में “सियासी संकट” और "साजिशों के कंटक" को अपने परिश्रम से परास्त कर जनता के विश्वास और विकास से सफल बनाया। श्री मोदी ने कास्ट, कम्युनिटी की "संक्रिण सियासी संस्कृति" को खत्म कर “कॉमन पीपुल” को "प्रोग्रेस, प्रोस्पेरिटी का प्रिशियस पार्टनर" बनाया है।
श्री नरेंद्र मोदी ने इन पिछले 8 वर्षों में सत्ता के गलियारे से "परिक्रमा संस्कृति" खत्म कर "परिश्रम और परिणाम" को प्रमाणिकता दी। सत्ता और सियासत के गलियारे में दशकों से परिक्रमा को ही "पराक्रम" समझने वाले, "परिश्रम और परिणाम" की कार्य संस्कृति के चलते हाशिये पर चले गए हैं। इसी “परिणामी मंतर” ने सत्ता के गलियारे से सत्ता के दलालों को “छू-मंतर” किया। जहाँ भारतीय समाज श्री मोदी को विकास के विश्वास का प्रतीक मानता है, वहीँ पूरी दुनिया उनके नेतृत्व को विश्व शांति का सार्थक सम्बल मानती है। संकट के समय श्री मोदी ने संकटमोचन की भूमिका निभाई है। पहले कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और उसके बाद यूक्रेन संकट के समय। "आपदा को अवसर" में बदलने वाली शख्सियत हैं श्री नरेंद्र मोदी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हिंदुस्तान, समावेशी समृद्धि एवं सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण की "राष्ट्रनीति" और शक्तिशाली, आत्मनिर्भर, सुरक्षित, समृद्धि से भरपूर भारत, सफलता की सीढियाँ चढ़ रहा है। हर भारतवासी उसके अभूतपूर्व नेतृत्व और अद्भुत निर्णय क्षमता तथा राष्ट्रहित में किये गए कड़े-बड़े दूरदर्शी फैसलों पर गर्व और गरिमा का एहसास कर रहा है।
श्री नरेंद्र मोदी की संवेदनशील, समावेशी, दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता ने उन्हें "सुशासन एवं समावेशी समृद्धि" का "प्रामाणिक ब्रांड" बना दिया है। श्री नरेंद्र मोदी की “इकबाल, इंसाफ, ईमान”की सरकार ने "राजा के रौब की सियासत" को "जनता के रुतबे की संस्कृति" में बदला है। मोदी सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर कई कामयाबियां हासिल की हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के "आत्मनिर्भर भारत" के संकल्प का प्रभावी परिणाम है कि दुनिया भर में चल रही आर्थिक तंगी और मंदी के बावजूद, भारत ने मार्च 2022 में 400 अरब डालर के निर्यात के ऐतिहासिक लक्ष्य को हासिल किया।
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के पिछले 8 वर्ष, "सेवा, सुशासन, समावेशी सशक्तिकरण" के शानदार 8 साल रहे हैं। मोदी सरकार की हर योजना का केंद्र बिंदु समाज का हर कमजोर तबका रहा है। अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी जरूरतमंदों तक विकास की रौशनी पहुंची है। समाज का हर तबका देश में हो रहे विकास का बराबर का हिस्सेदार-भागीदार बना है। पिछले 8 वर्षों में 45 करोड़ 20 लाख से ज्यादा लोगों को "प्रधानमंत्री जन धन योजना" के तहत अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में शामिल किया गया है; 28 करोड़ से ज्यादा लोगों को "प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना" का लाभ दिया गया है; "स्वच्छ भारत अभियान" के तहत देश भर में 11 करोड़ 23 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है; देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाई गई है; ग्रामीण इलाकों में 3 लाख 24 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण कराया गया है; सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए देश भर में 8 हजार 700 जन औषधि केंद्र चल रहे हैं।
"फसल बीमा योजना" का लाभ 11 करोड़ 42 लाख से ज्यादा किसानों को दिया गया है; 12 करोड़ से ज्यादा किसानों को "किसान सम्मान निधि" दी गई है; 70 हजार "स्टार्ट-अप" को मान्यता दी गई है; "मुद्रा योजना" के तहत 35 करोड़ लोगों को रोजगार-स्वरोजगार के लिए आसान ऋण उपलब्ध कराये गए हैं; "जन आरोग्य योजना" के तहत 3 करोड़ 12 लाख जरूरतमंदों को निशुल्क चिकित्सा सेवा मुहैया कराई गई है; 2 करोड़ 39 लाख गरीबों को पक्के मकान दिए गए हैं; "उज्जवला योजना" के तहत 9 करोड़ महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन दिए गए हैं; 6 लाख से अधिक गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया गया है। यह सभी योजनाएं मोदी सरकार की सफलता की गवाह हैं।
"हुनर हाट" के माध्यम से देश की पुश्तैनी विरासत को सम्मान और 10 लाख 50 हजार से ज्यादा कारीगरों, शिल्पकारों को रोजगार-रोजगार के मौके दे कर; 5 करोड़ 20 लाख अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप दे कर; "मेहरम" (पुरुष रिश्तेदार) के साथ ही मुस्लिम महिलाओं को हज पर जाने की बाध्यता को खत्म कर; ट्रिपल तलाक की कुरीति-कुप्रथा को समाप्त कर मोदी सरकार ने हर तबके में "विश्वास के साथ विकास" का माहौल तैयार किया है।