o उत्तर प्रदेश में "सबक" (सपा-बसपा-कांग्रेस) सिंडिकेट के दशकों की खता को, चुनावी लम्हों में “सबक” सिखाने का वक्त है। "सबक सिंडिकेट" ने पिछले 75 वर्षों में 60 वर्षों से ज्यादा समय अपने शासन में उत्तर प्रदेश के विकास से विश्वासघात किया है। “बेहतरीन राज्य” को “बीमारू राज्य” बना दिया था। भारतीय जनता पार्टी के स्वर्गीय कल्याण सिंह, श्री राजनाथ सिंह और अब श्री योगी आदित्यनाथ के शासन काल को उत्तर प्रदेश के विकास के स्वर्णिम समय के रूप में देखा गया है। जहाँ एक तरफ भाजपा शासनकाल में उत्तर प्रदेश को "बीमारू राज्य" से बाहर निकाला वहीँ बलवाइयों, बाहुबलियों, बेईमानों की बीमारी का भी बंटाधार किया।
छद्म धर्मनिरपेक्षता और तुष्टीकरण के राजनैतिक छल को भाजपा ने समावेशी विकास के बल से ध्वस्त किया है। इसी का प्रमाण है कि आज “MY (मोदी-योगी) फैक्टर’’ मतलब समावेशी विकास, सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण है, जबकि कभी यही “MY फैक्टर” सांप्रदायिक और संकीर्णता का प्रतीक बन गया था।
o"कपट और करप्शन की विरासत" और "दंगों और दबंगों की सियासत" पर मोदी और योगी युग ने विराम लगा दिया है। ऐसे लोग फिर "सबक सिंडिकेट सियासी सवारी" पर सवार हो कर उत्तर प्रदेश की सुरक्षा, समृद्धि, सुशासन को बंधक बनाना चाहते हैं।
o मोदी-योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में कानून व्यवस्था, बेहतर सड़क एवं अन्य जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, उद्योग-धंधे, स्वास्थ्य के क्षेत्र में रिकॉर्ड काम किये हैं। कोरोना महामारी की चुनौतियों से राज्य मजबूती से लड़ा है। करोड़ों लोगों का टीकाकरण हुआ है। जहाँ 2017 से पहले सिर्फ 15 मेडिकल कॉलेज थे वहीँ अब इनकी संख्या 59 हो गई है। 2017 से पहले राज्य में 2 अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे थे वहीँ अब 5 अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे हैं। मेट्रो रेल की सुविधा जो 2017 से पहले सिर्फ 2 शहरों में थी अब 5 शहरों में हैं और 5 अन्य शहरों में मेट्रो रेल का काम जारी है।
इन सब विकास कार्यों का समाज के सभी वर्गों को समान लाभ हो रहा है। जहाँ 2017 से पहले राज्य में कोई एम्स अस्पताल नहीं था, वहीँ अब रायबरेली एवं गोरखपुर में एम्स स्थापित किये गए हैं। जहाँ 2012 से 2017 के बीच गन्ना किसानों को 95 हजार करोड़ रूपए का भुगतान किया गया वहीँ 2017 के बाद से अभी तक रिकॉर्ड 1 लाख 50 हजार करोड़ रूपए का भुगतान गन्ना किसानों को किया गया है। राज्य के गांवों में भी 24 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है। 2 करोड़ 55 लाख से ज्यादा किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ दिया गया है। 6 करोड़ 50 लाख से ज्यादा जरूरतमंदों को निशुल्क चिकित्सीय सुविधा दी गई है।