• कोरोना टीकाकरण 03 फरवरी तक- 168 करोड़ से ज्यादा
• देश की 75 प्रतिशत से ज्यादा व्यस्क आबादी का डबल वैक्सीनेशन हो गया है।
• जिस वक्त 2020 में कोरोना की पहली लहर भारत में आई थी उस वक्त भारत में वेंटीलेटर, दवाएं, पीपीई किट, एन-95 मास्क, कोरोना जैसे वायरस की टेस्टिंग लैब, कोविड डेडिकेटेड अस्पताल, मेडिकल ऑक्सीजन आदि सुविधाएँ ना के बराबर थीं।
• प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कोरोना को परास्त करने के दृढ संकल्प का नतीजा है कि आज 3 मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हैं।
• आज देश भर में 80,000 हजार से ज्यादा वैक्सीनेशन सेंटर चल रहे हैं;
• भारत में 3000 से ज्यादा कोरोना टेस्टिंग लैब हैं, औसतन 20 लाख से ज्यादा लोगों के प्रतिदिन टेस्ट हो रहे हैं। भारत में ही प्रतिदिन 12 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्टिंग किट का उत्पादन हो रहा है।
• देश भर में 23 हजार से ज्यादा डेडिकेटेड कोरोना अस्पताल; डेडिकेटेड कोरोना हेल्थ सेंटर हैं।
(1)जहाँ 2020 की शुरुआत में मात्र 10 हजार आइसोलेशन बेड (ऑक्सीजन रहित/ऑक्सीजन सहित) थे, वहीँ अब बढ़ कर 18 लाख से अधिक हो गए हैं। पहले मात्र 2 हजार आईसीयू बेड थे, वहीँ अब बढ़ कर 85 हजार से अधिक हो गए हैं। भारत में ही प्रतिदिन 5 लाख से अधिक स्वदेशी N-95 मास्क का उत्पादन हो रहा है। भारत में ही 5 लाख से अधिक पीपीई किट का प्रतिदिन निर्माण हो रहा है। देश में अब 4 लाख से ज्यादा वेंटीलेटर का प्रतिवर्ष उत्पादन हो रहा है। जनवरी 2020 से पहले लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन मात्र 900 मीट्रिक टन प्रतिदिन था, बढ़ कर प्रतिदिन 9000 मीट्रिक टन से ज्यादा हो गया है। 3 हजार से ज्यादा पीएसए ऑक्सीजन प्लांट चल रहे हैं। 4 लाख ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं।