पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहाँ कहा कि वाणी की संवैधानिक स्वतंत्रता "न्यूसेंस (उद्दंडता) का लाइसेंस" नहीं है।
भारतीय बौद्ध संघ द्वारा आज नई दिल्ली में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की जयंती के अवसर पर आयोजित सामाजिक समरसता सम्मान समारोह में श्री नकवी ने कहा कि "बोली की संवैधानिक उदारता" को "गाली की सियासी उद्दंडता" समझना समाज के संस्कार और संविधान के सकंल्प को संक्रमित करने की सनक है।
श्री नकवी ने कहा कि संवैधानिक अधिकारों की दुहाई देने वाले संवैधानिक कर्त्तव्यों को भूल जाते हैं। "संवैधानिक अधिकार और कर्तव्य" दोनों हमारी राष्ट्रीय नैतिक जिम्मेदारी हैं।
श्री नकवी ने कहा कि चौबीस के चुनावी चौपाल पर राजनीतिक दम से पहले राग-द्वेषी द्वन्द इस बात का प्रतीक है कि इन सियासी "घबराए घायल घरानों में घालमेल की घबराहटपूर्ण घुन घनघोर घमासान के घटनाक्रम से धूलधूसरित" होगी।
श्री नकवी ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष की "गांठों से भरी गठबंधन की गठरी" का "न अन्दर कोई मोल है न बाहर कोई भाव है", "परिवारों के मोदी हराओ सियासी जुगाड" पर "पब्लिक का मोदी सुशासन हैट्रिक का जुनून" भारी पड़ रहा है।
श्री नकवी ने कहा कि विपक्षी एकता की हांडी इससे पहले भी 2018 के कुछ राज्यों के चुनाव में विपक्ष के अच्छे प्रदर्शन के बाद भी चढी थी जो पकने से पहले ही पंचर हो गई और 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा को 303 सीटें मिली।
श्री नकवी ने कहा कि आज जो दल एकता का ढ़ोल पीट रहे हैं वह "पुराने ढोल के नए खोल" से ज्यादा कुछ नहीं है। इनमें अधिकांश दल अलग-अलग राज्यों में मिल कर पहले भी ताल ठोक कर ठुक चुके हैं।
श्री नकवी ने कहा कि आजादी के बाद पहला मौक़ा है जब केंद्र में कोई गैर-कांग्रेसी सरकार सुशासन, समृद्धि, स्थायित्व के विश्वास और जनप्रिय नेतृत्व व लोकप्रिय नीतियों के सफल सफर के साथ, दुनिया में भारत की धाक-धमक को मजबूत करती अपने दो कार्यकाल पूरे कर तीसरे कार्यकाल की तरफ बढ़ रही है।
श्री नकवी ने कहा कि श्री मोदी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के सिद्धांतों का अनुपालन करते हुए "एक भारत श्रेष्ठ भारत" के संकल्प को सार्थक बना रहे हैं।
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य श्री सत्य नारायण जटिया, विश्व हिन्दू परिषद् दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री कपिल खन्ना, भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल, भाजपा नेता श्री आदेश गुप्ता एवं मुख्य संरक्षक, समता सैनिक दल डा. ए.आर. जोशी एवं गणमान्य उपस्थिति रहे।