इंडिया फाउंडेशन, नई दिल्ली एवं इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिटिकल एंड इंटरनेशनल स्टडीज, ईरान द्वारा आज लखनऊ में आयोजित सम्मेलन में सम्बोधन:
o अहिंसा, अमन ही आत्मनिर्भरता की "गोल्डन चाभी" है। "वसुधैव कुटुंबकम्" संसार की सलामती, सुरक्षा, समृद्धि, सफलता का सार्थक सूत्र है।
o प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया के अधिकांश देशों के साथ भारत के सम्बन्ध और अधिक मजबूत हुए हैं। मानवता की हिफाजत, "वसुधैव कुटुंबकम्" की विरासत आज वक्त और विश्व की जरूरत है।
o पहले कोरोना की चुनौतियों के समय और अब रूस-यूक्रेन युद्ध के समय पूरी दुनिया ने देखा है कि भारत ने किस तरह "सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया" के संकल्प के साथ "संकटमोचन " की भूमिका निभाई है।
(1)o कोरोना के समय भारत निर्मित टीके ना सिर्फ भारतीयों के जीवन की रक्षा में काम आये बल्कि भारत ने विश्व के कई देशों को मुफ्त वैक्सीन मुहैय्या कराई। अब रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी भारत ने संतुलित और संवेदनशील भूमिका निभाई है।
o महात्मा गांधी के सिद्धांत और प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्प ने भारत को पूरे विश्व में सामाजिक सद्भाव, सौहार्द, सहिष्णुता, शांति, समृद्धि का "सार्थक सन्देश वाहक" बना दिया है। पूरी दुनिया भारत को "संकटमोचन" के रूप में विश्वास के साथ देख रही है।
o भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है जिसने किसी के भी दबाव में आये बिना अपने देश और देश के लोगों के हितों के साथ ही मुल्क, मानवता की जरूरत को प्राथमिकता दी।
o प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हिंदुस्तान एक मजबूत "ग्लोबल लीडर" बन कर उभरा है, संकट के समय भारत मानवीय मूल्यों के रक्षक, शान्ति के संरक्षक की प्रभावी भूमिका निभा रहा है।
(2)o भारत आज पूरी दुनिया के लिए सामाजिक समरसता, भाईचारे, सहिष्णुता का सशक्त संदेशवाहक है।
o भारत दुनिया का अकेला ऐसा देश है जहाँ सभी धर्मों, सम्प्रदायों के मानने वाले करोड़ों लोग शांति, सौहार्द के साथ रह रहे हैं। यही "अनेकता में एकता" की ताकत भारत को "एक भारत श्रेष्ठ भारत" बनाती है।
o प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत-ईरान के राजनीतिक, कूटनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊंचाई मिली है।
o प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति H.E. श्री इब्राहिम रायसी के बीच सितम्बर 2022 में उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की बैठक के दौरान मुलाकात से दोनों देशों के संबंधों को नई ऊर्जा प्राप्त हुई है।
(3)o एससीओ की बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की तथा संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया।
o प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति H.E. श्री इब्राहिम रायसी ने शहीद बेहेस्ती टर्मिनल, चाबहार बंदरगाह के विकास में हुई प्रगति की समीक्षा की और क्षेत्रीय संपर्क के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को भी महत्वता दी।
o हिंदुस्तान, ईरान के रिश्ते सांस्कृतिक, ऐतिहासिक हैं। दोनों देशों के सम्बन्ध "भूगोल की बाउण्ड्री" नहीं बल्कि "इतिहास की बुनियाद" से बंधे हुए हैं।