वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहां कहा कि कॉमन सिविल कोड पर विपक्ष "कांग्रेस के अंतर्विरोध" पर अपनी "अंतरात्मा की आवाज से अंकुश" लगाए।
आज पत्रकारों द्वारा समान नागरिक संहिता पर पूछे गए सवाल के जवाब में श्री नकवी ने कहा कि इस समावेशी सुधार का यही समय है, सही समय है। अभी नहीं तो कभी नहीं।
श्री नकवी ने कहा कि यूसीसी पर कांग्रेस की "भ्रामक और भूलभुलैया नीति" से अधिकांश कांग्रेसी कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि और विपक्ष असहमत और आक्रोशित हैं।
श्री नकवी ने कहा कि "समावेशी सुधार पर सांप्रदायिक सियासत" का मुंहतोड़ जवाब "अंतरात्मा की आवाज" है। आज देश का मूड-माहौल "कम्युनल कारीगरों की क्रिमिनल करतूत से कारागार में कैद" समान नागरिक कानून की रिहाई का है।
श्री नकवी ने कहा कि 1985 में देश ने कांग्रेस की "लम्हों की खता की दशकों सजा भुगती" थी, जब कांग्रेस ने शाहबानो मामले में संसद में अपनी संख्या बल को समावेशी सुधार पर "सांप्रदायिक वार" में इस्तेमाल किया था। अफसोस की बात है कि कांग्रेस गलती सुधारने के बजाय दोहराने में लगी है।